
धुन- नैनों से नैन हुए
झोली खड़ा हूँ पसार ,
एक मुट्ठी दान दे दे |
सुनकर के आया मैं , नाम तुम्हारा
हारे को देते हो , श्याम सहारा
मेरी भी सुनले पुकार , एक मुट्ठी दान दे दे || १ ||
झोली भराने को आते अनेकों
ऐसे दयालु हो , देते सभी को
लम्बी लगे है कतार , एक मुट्ठी दान दे दे || २ ||
दिल की तमन्ना रहे ना अधूरी
मेरी ये आशा करो श्याम पूरी
जाऊँ ना मैं दूजे द्वार , एक मुट्ठी दान दे दे || ३ ||
देकर हर कुछ मुझे ना भुलाना
भक्ति का अनमोल खोलो खज़ाना
" बिन्नू " की झोलों में डार , एक मुट्ठी दान दे दे || ४ ||
जय श्री राधे कृष्ण
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