
धुन- हमें और जीने की चाहत ना होती
कन्हैया हमारा गुजारा न होता
अगर तुम न होते अगर तुम न होते ||
मुसीबत में आया बनकर ये माँझी
बिन पानी के नैया चला दी
वर्ना मैं कैसे चैन से सोता
अगर तुम न होते अगर तुम न होते || १ ||
माना ये आँसू अब भी निकलते
कह रहें हों जैसे ये बहते बहते
बताओ मैं किसके चरणों में रोता
अगर तुम न होते अगर तुम न होते || २ ||
महेरबानी के सिलसिले हैं जारी
एहसान तेरा कृपा तुम्हारी
कहता " पवन " के हमारा क्या होता
अगर तुम न होते अगर तुम न होते || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
0 Comments: