पधारो मेरे घर घनश्याम ,सवारो मेरे बिगड़े काम,

पधारो मेरे घर घनश्याम ,सवारो मेरे बिगड़े काम,




पधारो मेरे घर घनश्याम ,सवारो मेरे बिगड़े काम,
हे नंद नंदन सच्चे मन से जपूँ तुम्हारा नाम |

धेनु चरैया मोहन आओ ,ये कुटिया पावन कर जाओ,
तेरे चरणों में बंसी बजैया मेरे चारों धाम ||१||

अन्तःकरण से तुझे पुकारू, हर पल तेरी बाट निहारूं,
विरहा पीड़ित इन नैनो को आने दो आराम  ||२||


हे गोकुल के कृष्णा कन्हैया,यमुना तट के रास रचैया ,
तू दाता निर्दोष निराला हाथ मेरा भी थाम ||३||

जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्

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