
होती है अमृत की वर्षा मेरे श्याम तुम्हारे चरणों में ,
भक्तो को मिलता आराम भगवान तुम्हारे चरणों में ||
तीन लोक में सबसे प्यारा प्रभु दरबार तुम्हारा है ,
भक्त जनों का मात्र सहारा ये दरबार तुम्हारा है ,
स्वर्ग धाम सा सुख मिलता घनश्याम तुम्हारे चरणों में ||1||
जो भी आये प्रभु चरणों में ,भला सभी का होता है ,
प्यार तुम्हारा सब भक्तो के सारे कष्टों को खोता है ,
एक दुर्जन भी बन जाता इंसान तुम्हारे चरणों में ||2||
गोवर्धन उठाते हो कभी और कभी ग्वाले बन जाते हो ,
मक्खन चुराते हो कभी और कभी चमत्कार दिखलाते हो ,
चीर बढ़ाया द्रौपदी का जब टेर उसने लगायी चरणों में ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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