दुनियाँ में कोई सहारा ना मिला कश्ती का कोई किनारा ना मिला

दुनियाँ में कोई सहारा ना मिला कश्ती का कोई किनारा ना मिला



धुन- हारे का तूँ है सहारा साँवरे

दुनियाँ में कोई सहारा ना मिला
कश्ती का कोई किनारा ना मिला
मेरे श्याम दया कर दे , इसे पार जरा कर दे ||

मुश्किल हुई है जीवन की राहे,
बाबा पकड़ले तूँ अब मेरी बाँहें,
संकट हरने आओ , मेरे कष्ट मिटा जाओ || १ ||

काली घटायें ये घिर घिर के आती,
मैं हूँ अकेला ये मुझको डराती,
दुःख दूर करो मेरा , मैं ध्यान धरूँ तेरा || २ ||

कितनों को तुमने दुखड़ों से उबारा,
" हर्ष " दयालु को मैंने भी पुकारा,
दरकार मुझे तेरी , पतवार पकड़ मेरी || ३ ||

जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्

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