
धुन- बाबुल का ये घर
श्याम सरकार है ये , सर झुकाने चले आओ
सच्चा दरबार है ये , सर झुकाने चले आओ ||
करले भरोसा तूँ , तेरी बिगड़ी बना देगा
तेरी अटकी हुई नैया , वो किनारे लगा देगा
बड़ा ही दयालु है , बस मनाने चले आओ || १ ||
प्रीत लगाने से , तेरा जीवन संवर जाये
तेरी गम से भरी झोली , खुशियों से भर जाये
बड़ा दिलदार है ये , दिल लगाने चले आओ || 2 ||
कोशिश करो थोड़ी , इसे अपना बनाने की
प्रभु से करो विनती , इसे दिल में बिठाने की
" बनवारी " सुन लेगा ये , बस सुनाने चले आओ || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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