किसी से उनकी मंजिल का पता पाया नहीँ जाता

किसी से उनकी मंजिल का पता पाया नहीँ जाता



किसी से उनकी मंजिल का पता पाया नहीँ जाता ,
जहाँ वो हैं फरिश्तों से वहाँ जाया नहीं जाता |

मेरे टूटे हुए पाये तलब का मुझपे एहसां है,
तेरा दर छोड कर मुझसे कहीँ न जाया नहीँ जाता ||1||

फकीरी में भी मुझको मांगने में शर्म आती है,
तेरा होकर के हाथ कहीं फैलाया नहीं  जाता ||2||

चमन तुमसे इबादत है बहारें तुम से जिंदा है ,
तुम्हारे सामने फूलोँ से यूँ मुरझाया नहीं जाता ||3||

मुहब्बत के लिए कुछ खास दिल मखसूस होते हैं,
ये वो नगमा हे जो हर साज पे गाया नही जाता ||4||

मोहब्बत हो ही जाती हे मोहब्बत की नहीँ जाती ,
ये शोला खुद भड़कता हे इसे भड़काया नहीं  जाता ||5||

मोहब्बत के जो कैदी है वो छूटे है न जीतेजी  ,
ये वो महफ़िल  है जिसमें आके फिर जाया नहीँ जाता ||6||

जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्

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