
धुन- ख़ुशी की वो रात आ गई
सांवरे कन्हैया मुझे , तेरी याद आई है
आओ सांवरे सजन-2 || टेर ||
निर्मोही मत बनो कन्हैया , हम भी प्रेमी तेरे
बेरुखी से होंगे टुकड़े दिल के श्याम मेरे
तुम्हें देखने की खातिर , अँखियाँ भर आई है || १ ||
हम तो बस कन्हैया ये चाहते मेरे यार बनो
कितना घायल दिल है मेरा , हे सरकार सुनो
गरीबों की तेरे सिवा , कहीं न सुनाई है || २ ||
अंसुवन की स्याही से लिखा , प्रेम भरा पैगाम
मेरे साथी श्याम कन्हैया , तुमसे पड़ा है काम
अब " ओम " इन होठों पे फ़रियाद आई है || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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