
आज दधि मीठो मदन गोपाल |
भावत मोहि तिहारो झूठो चंचल नयन विसाल ||
आने पात बनाये दोना दिये सबन को बाँट ,
जिन नहीँ पायो सुनो मेरे भैया मेरी हथेरि चाट ||1||
बहूत दिनन हम बसे कुमुद वन कृष्ण तिहारे साथ ,
ऐ सो स्वाद हम कब हूँ न चाख्यो सुन गोकुल के नाथ ||2||
आपुन हंसत हंसा वत औरन मानुस लीला रुप ,
परमानंद प्रभु हम सब जानत तुम त्रिभुवन के भूप ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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