
धुन- घुंघरू टूट गये
मेरा कोई नहीं सरकार
सुनोना मेरी करुण पुकार , साँवरे महर करो ||
मैं अज्ञानी हूँ मुझमें
और ज्ञान भरया है तुझमें
करो ना मेरा भी उद्धार , साँवरे महर करो || १ ||
क्या पडदा करूँ मैं तुमसे
अनजान नहीं तूँ हमसे
कन्हैया मेरी ओर निहार , साँवरे महर करो || २ ||
" नन्दू " मैं खुद से हारा
मैंने पकड़ा तेरा द्वारा
जहाँ तूँ करता सदा विहार , साँवरे महर करो || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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