हँस कर करले साँवरे , भगतों से दो बात

हँस कर करले साँवरे , भगतों से दो बात



धुन- देना हो तो दीजिये

हँस कर करले साँवरे , भगतों से दो बात
हम भगतों को तूँ दे दे , ये प्यारी से सौगात |

तरस रहे हैं तेरे प्यार को , भगतों से क्यों रूठे हो
वादा करके भूल गये तुम , श्याम बड़े ही झूठे हो
प्यासे जीवन में कर दे तूँ , खुशियों की बरसात || १ ||

यूँ बरसों ज्यूँ मरुभूमि में , जल का झरना फुट पड़े
मन की कली खिलादे जिसपे , लाखों भँवरे टूट पड़े
तेरे सेवक सजाके बैठे , सपनों की बारात || २ ||

जीवन भर की सारी खुशियाँ , इस मुस्कान पे वारी है
गम की बदली पर इक तेरी , बून्द हँसी की भारी है
तेरे " हर्ष " को दरश दिखादे , आजा दीनानाथ || ३ ||

जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्

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