
पुष्प चुनन को राधा चली
श्याम जी को प्यारी लगी।।
तोरहि पुष्प रखे कंडिया पर
इत उत देखे घूम घूमकर
कान्हा जी से नजर पडी
श्याम जी को प्यारी लगी ||1||
इक इक पुष्प डोरी मे डाले
लाल नीले पीले भर डारे
फूलन की माला बनी
श्याम जी को प्यारी लगी ||2||
श्री राधे को भाये सांवरिया
पीली धोती लाल अचकिया
गले मे माला डली
श्याम जी को प्यारी लगी ||3||
यह माला नहीं ऐसी वैसी
प्रेमरस यामे खूबहि भरी
हर पुष्प में राधा बसी
श्याम जी को प्यारी लगी ||4||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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