
भजन जिसे गाते हुए 'नामदेव ' जी ने कृष्ण चरणों में प्राण छोड़े
गोविन्द गुना , गोपाल गुना
गाए जा रे गोविन्द गुना |
ऐसो समय बहुरि नहिं पैहौं ,
फिर पछ्तैहैं मोरे मना ||1||
बालापन हंसी खेली बितायो ,
तरुण भए तब रूप घना ||2||
वृद्ध भयो तब आलस उपज्यो ,
उठ गई हाट , कछु न बना ||3||
अधम तरे अधिकार भजन ते,
जे जे आए हरि सरना ||4||
ना मानो तो साँची बताऊँ ,
अजामिल गीध गनिका सदना |5|||
धन यौवन अंजुरी जल जैसे ,
घटत जात पल छिन ही छिना ||||
अस जिय जानि भजो नन्द नन्दन
'नामदेव' आयो शरणा ||6||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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