आज मंगलवार है महावीर का वार है यह सच्चा दरबार

आज मंगलवार है महावीर का वार है यह सच्चा दरबार







आज मंगलवार है महावीर का वार है यह सच्चा दरबार है
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेडा पार है ।

चैत्र सुदी पूनम मंगल को जन्म वीर ने पाया है ।
लाल लंगोटा गदा हाथ में सर पर मुकट सजाया है ।।
शंकर का अवतार है, महावीर का वार है ||1||



ब्रह्मा जी से ब्रह्म ज्ञान का बल भी तुमने पाया है ।
राम काज शिवशंकर ने वानर का रूप धराया है ।।
लीला अपरम्पार है, महावीर का वार है||2||

बालपन में महावीर ने हरदम ध्यान लगाया है ।
श्राप दिया ऋषियों ने तुमको बल का ध्यान भुलाया है ।।
राम नाम आधार है महावीर का वार है||3||

राम जन्म जब हुआ अयोध्या में कैसा नाच नचाया है ।
कहा राम ने लक्ष्मण से यह वानर मन को भाया है ।।
राम लक्ष्मण से प्यार है, महावीर का वार है||4||

पंचवटी से सीता को रावण जब लेकर आया है ।
लंका में जाकर तुमने माता का पता लगाया है ।।
अक्षय को दिया मार है, महावीर का वार है||5||

मेघनाद ने ब्रह्म पाश तुमको आन फंसाया है ।
ब्रह्पाश में फँस करके ब्रह्मा का मान बढाया है ।।
बजरंगी की बाँकी मार है , महावीर का वार है||6||

लंका जलाई आपने रावण भी घबराया है ।
श्री राम लखन को आन करके सीता सन्देश सुनाया है ।।
सीता शोक आपर है, महावीर का वार है||7||

शक्ति बाण लग्यो लक्ष्मण के बूटी लेने धाये हैं ।
लाकर बूटी लक्ष्मण जी के प्राण बचाये हैं ।।
राम लखन का प्यार है, महावीर का वार है||8||

राम चरण में महावीर ने हरदम ध्यान लगाया है ।
राम तिलक में महावीर ने सीना फाड़ दिखाया है ।।
सीने में राम दरबार है, महावीर का वार है ||9||

''जय श्री राधे कृष्णा ''





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