
प्यार मिलता है जहाँ | वह राम का दरबार है
published on 01 September
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प्यार मिलता है जहाँ | वह राम का दरबार है ||
दीन दुखियों का जहां में | एक ही आधार है ||
कोई न समझे अकेला |जग में अपने आप को
राम हर लेंगे खुद ही | हर भक्त के संताप को
ये ही है उनका बडप्पन | ये ही शिष्टाचार है
दीन दुखियो का जहां में | एक ही आधार है ||1||
जब सारा जग छोड़ दे | तो वो पकड़ लेते हाथ
और हमेशा के लिए | दे देते अपना आशीर्वाद
दुनिया माने या माने | वो मेरे प्राणाधार है
दीन दुखियो का जहां में | एक ही आधार है ||2||
ये जहां हो वो जहां हो | सबमें उसका नाम है
‘श्याम’ को तो नाम उसका | ये एक वरदान है
शुक्रिया तेरा प्रभु | हमको दिया ये अधिकार है
दीन दुखियो का जहां में | एक ही आधार है ||3||
'जय श्री राधे कृष्णा ''
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