
भज ले प्यारे साँझ सवेरे इक माला हरि नाम की
जिस माला में राम नहीं वो माला है किस काम की
राम नाम के बल पर सागर पर सिला तिराई थी
बाण लगा जब लखन को संजीवनीपिलाई थी
नाम के बल पर देखो जय हो गईहनुमान की
जिस माला में राम नहीं वो माला है किस काम की||1||
नाम के बल पर अगंद जी ने रावण को ललकारा था
लेकर नाम प्रभु का वो रावणकी सभा में पधारा था
महिमा अपरम्पार है श्री रामचंद्र भगवन की
जिस माला में राम नहीं वो माला है किस काम की||2||
इक माला को माँ सीता ने बजरंगी को भेंट किया
बजरंगी ने देखा भाला फिर माला को फ़ेंक दिया
बजरंगी से ज्यादा कौन पहचाने कीमत श्रीराम नाम की
जिस माला में राम नहीं वो माला है किस काम की||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: