
जय राधा रसिक बिहारी, श्री राधा रसिक बिहारी
तेरी सूरत है प्यारी प्यारी, तेरी सूरत पे जाऊं बलिहारी
इक तेरी सांवरी सूरत से, बस हो ही गया है प्यार मुझे
खायी है जमाने की ठोकर, अब तू ही मिला दिलदार मुझे
मेरे इस उजड़े गुलशन की, अब तक ना मिली है बहार मुझे
राधा रसिक बिहारी अब देर ना कर, झट से दिखला दे दीदार मुझे||1||
बलिहारी लाला के नयन पे, बलिहारी छटा पे होता रहूँ
कभी भूलूं ना याद तुम्हारी प्रभु, चाहे जाग्रत, स्वपन या सोता रहूँ
कृष्ण ही कृष्ण पुकारा करूँ, मुख आंसुओं से निज धोता रहूँ
राधा रसिक बिहारी तेरे प्रेम में मैं, बस यूँ ही निरंतर रोता रहूँ||2||
सूख गया आँखों का पानी तेरी याद में रोते रोते
भूलूं नहीं तेरी याद कभी, सवपन में कभी सोते सोते
राधा रसिक बिहारी, तुम से मिल ना सका यह जीवन खोते खोते
टूटे नहीं तेरे प्रेम की माला, यह माला पोते पोते||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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