
क्यों आ के रो रहा है ,
गोविन्द की गली में
हर दर्द की दवा है ,
गोविन्द की गली में
तू खुल के उनसे कह दे
जो दिल में चल में चल रहा है
वो जिंदगी के ताने बाने जो बुन रहा है
हर सुबह खुशनुमा है ,
गोविन्द की गली में||1||
मंजिल पे गर निगाहें
दिन रात क्या डगर क्या
हर रात रंगनुमा है ,
गोविन्द की गली में||2||
कोई रो के उनसे कह दे
कोई ऊँचे बोल बोले
सुनता है वो उसी की
बोली जो उनकी बोले
हवाएं अदब से बहती हैं ,
गोविन्द की गली में||3||
हर दर्द की दवा है ,
गोविन्द की गली में
http://www.youtube.com/watch?v=Aij17DaI5RQ
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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