
जिस वक़्त तुम्हे भूलूँ,मेरी जान निकल जाये
मुडकर जिधर देखूँ ,मुझे तू ही तू नज़र आये
नज़रों से गिरना न चाहे लाख सजा देना
नज़रों से जो गिर जाये मुश्किल हैं सँभल पाना ||१ ||
मन की मैं पापी हूँ मुझे खबर नहीं गुनाहों की
प्रभु इतनी सजा देना मुझे गुनाहों की ||२ ||
आकाश में नज़र आता है ,सागर में नज़र आता है
मेरी नज़र जिधर जाये मुझे तू ही नज़र आता है ||३ ||
जिस वक़्त तुम्हे भूलूँ मेरी जान निकल जाये
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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