मेरे श्यामल कृष्ण कन्हाइ

मेरे श्यामल कृष्ण कन्हाइ



मेरे श्यामल कृष्ण कन्हाइ
तूने ये कैसी प्रीत लगाई
प्राणों में बंसी बजाई
साँसों में छिप कर आई

नैना ये ढूँढें हरदम
दिल गाए तेरी सरगम
मन तरसे रूप अनुपम
आओ मेरे पास प्रियतम ||1||

बिन तेरे जीवन सूना
बनाओ मुझे तू अपना
लाज मेरी ये रखना
अपनापन तू रखना ||2||

वृन्दावन बन जाए जीवन
दिखलाए तुझे मन दर्पण
करूँ मैं आँसू के अर्पण
तेरे पाँव में आत्मसमर्पण ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''
 
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