
ज़रा इतना बता दे कहना, तेरा रंग काला क्यों,
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों |
मैंने काली रात को जन्म लिया
और काली गाय का दूध पीया।
मेरी कमली भी काली है,
इस लिए काला हूँ॥1||
सखी रोज़ ही घर में बुलाती है
और माखन बहुत खिलाती है।
सखिओं का दिल काला,
इस लिए काला हूँ॥2||
मैंने काली नाग पर नाच किया
और काली नाग को नाथ लिया।
नागों का रंग काला,
इस लिए काला हूँ॥3||
सावन में बिजली कड़कती है
बादल भी बहुत बरसतें है।
बादल का रंग काला,
इसलिए काला हूँ॥4||
सखी नयनों में कजरा लगाती है
और नयनों में मुझे बिठाती है।
कजरे के रंग काला,
इस लिए काला हूँ॥5||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: