
यशोदा जायो लल्ला मचों है आज हल्ला ,
सब कोई नाचे ख़ुशी मनाये कूद नाचे नौ नौ तल्ला |
प्रभु ने सुनी है बुढ़ापे में हमारी ,
मुरझाई ज्योति खिली फुलवारी |
नन्द यशोदा के सच्चे हो गए सपने ,
धरती पर न टिक रहे पाँव उनके |
नन्द लुटावे मौहर रुपया और अंगूठी छल्ला||१||
देखी सुनी आज तक न कोई ऐसी ,
जो भी सुने वो ,तो सुनते ही भागे
दौड़े चले एक से एक आगे ,
नन्द बाँटते धोती कुरता बाँटे साल दुसल्ला ||२||
छायी है छायी आज खुशियाँ निराली
आई जैसे एक साथ होली और दिवाली
और बाजे शहनाई अनौखा रंग बरसे
खाली नहीं जाये कोई नन्द जी के घर से
नन्द जी ने भर दी सबकी झोली भर दिया पल्ला ||३||
बोलो सब जय हो यशोदा तेरे लाल की
लेते है सब बलैया बिहारी नन्द लाल की
युग युग जिए मैया लल्ला तुम्हारा
मन को लुभाए लगे सबको प्यारा
हिन्दू कहे ईश्वर आया मुस्लिम कहे अल्ला ||४||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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