
मेरी हुई श्याम संग प्रीत दुनिया क्या जाने
मुझे मिल गया मान का मीत दुनिया क्या जाने
क्या जाने कोई क्या जाने
छवि देखी मेने श्याम की जब से भई बावरी में तो तब से
बंधी प्रेम की डोर मोहन से, नाता तोडा मैंने जग से
ये केसी पागल प्रीत दुनिया क्या जाने
ये केसी निगोड़ी प्रीत दुनिया क्या जाने||1||
मोहन की सुन्दर सुरतिया
मन में बस गयी मोहिनी मुरतिया
लोग कहै में भई बावरिया , जब से ओढ़ी श्याम चुन्दरिया
मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनिया क्या जाने||2||
हर दम अब तो रहूँ मस्तानी , लोकलाज दिनी बिसरानी
रूप राशी अंग-अंग समानी, हेरत हेरत रंहू दीवानी
में तो गाऊ ख़ुशी के गीत दुनिया क्या जाने||3||
मोहन एसी वंसी बजायी , सबने अपनी सुध बिसरायी
गोप गोपियाँ भागी आई , लोक लाज कुछ काम न आई
फिर वाज उठा संगीत-दुनिया क्या जाने||4||
भूल गयी कही आना जाना, जग सारा लागे बेगाना
अब तो केवल श्याम को पाना, रूठ जाए तो उन्हे मनाना
अब होगी प्यार की जीत -दुनिया क्या जाने ||5||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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