
भजो हरे कृष्णा ,जपो हरे कृष्णा
ले श्री हरि का नाम रे
जग के सारे नामो में यही आये तेरे काम रे.
मेरे नैन ले छवि हरि की निहार लो
ले के मेरा मन मेरे प्रभु को पुकार लो
कर ले कीर्तन देंगे दर्शन मनमोहन घनश्याम रे||1||
कब से बैठी हू तेरी प्रतीक्षा में
जीवन बिताया मैंने अपना कठिन परिक्षा में
जप तप साधन आराधन का देंगे शुभ परिणाम रे||2||
बरसो से मन मेरा तेरे दरस को तरसे
कृपा नहीं बरसी तेरी मेरे नैना बरसे
श्री चरणों में बैठे बैठे सुबह से हो गयी शाम रे||3||
युही बीत ना जाये प्रभु मिलन की बेला
ढल ना जाये कही ये जीवन का मेला
पर्वत रस्ता रोके तो ठोकर से हिला दे
सागर बढ़ा डाले तो साँसों से सुखा दे
रह ना जाये कही मिलन की आस अधूरी
आज मिटा दे भक्त ओर भगवान की दूरी||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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