जप ले हरी का नाम, मेरे मन,

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जप ले हरी का नाम, मेरे मन,
 काहे भूलो हरी का धाम ।

काम ना आएगी झूठी माया, ना तेरा मंदिर,
 ना तेरी काया,आएगी तेरे जीवन की श्याम ॥1||

कठिन डगरिया तू चलना ना जाने, बात पते की काहे ना माने।
जप ले कन्हिया तू चाहे घनश्याम ॥2||

माटी के पुतले उस के खिलौने, बैठ जहाँ में तू ना  रोने।
साथ ना जाए कहीं सस्ते दाम ॥3||

तन में बसले, मन में बसले, तेरा प्रीतम उसको पाले।...
बोल प्यारे संग जय श्री श्याम ॥4||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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