
आ गई .आ गई .आ गई माँ ,लाल चुनरिया ओढ़ के ,
आज जिन्हें होंगे ,माँ के दर्शन ,बड़े वो किसमत वाले है
उन पे दया की बारिश होगी ,मिलने रतन निराले हैं
सच्ची श्रद्धा वालों को देगी ,तारे गगन के तोड़ के ||1||
अपना आप भुला कर जो भी ,माँ का ध्यान लगा लेंगे
हर संकट हर दुःखसे पल में , आज वो मुक्ति पा लेंगे
कहो जो कहना सब वो सुने गी ,बैठो न मुह मोड़ के ||2||
,
आज जो मौका मिलेगा तुम को ,भूल के भी इसे खोना न
कीर्तन में तुम जागते रहना ,पल भर भी तुम सोना न
और कहाँ निर्दोष तुम जाओगे ,ऐसी माँ को छोड़ कर ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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