मुझ पे इतनी कृपा बस विधाता रहे,

मुझ पे इतनी कृपा बस विधाता रहे,



मुझ पे इतनी कृपा बस विधाता रहे,
राम का नाम होठों पे आता रहे ॥

भोर से साँझ तक राम का ध्यान हो,
हर तरफ राम है बस यही ज्ञान हो,
राम को ही हृदय ये बुलाता रहे,||1||

राम में ही सदा मैं लगाऊँ लगन,
राम की ही कथा में रहूँ मैं मगन,
राम चरणों से ही मेरा नाता रहे,||2||

राम को ही ये रसना पुकारा करे,
राम को ही ये नैना निहारा करें,
राम के गीत ही कंठ गाता रहे ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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