
मनवा मेरा कब से प्यासा, दर्शन दे दो राम,
तेरे चरणों में हैं बसते जग के सारे धाम
जय-जय राम सीताराम, जय-जय राम सीताराम
अयोध्या नगरी में तुम जन्मे , दशरथ पुत्र कहाये,
विश्वामित्र थे गुरु तुम्हारे, कौशल्या के जाये,
ऋषि मुनियों की रक्षा करके तुमने किया है नाम
तुलसी जैसे भक्त तुम्हारे, बांटें जग में ज्ञान||1||
सुग्रीव-विभीषण मित्र तुम्हारे, केवट- शबरी साधक,
भ्राता लक्ष्मण संग तुम्हारे, राक्षस सारे बाधक,
बालि-रावण को संहारा, सौंपा अदभुद धाम.
जटायु सा भक्त आपका आया रण में काम ||2||
शिव जी ठहरे तेरे साधक, हनुमत भक्त कहाते,
जिन पर कृपा तुम्हारी होती वो तेरे हो जाते,
सबको अपनी शरण में ले लो, दे दो अपना धाम
जग में हम सब चाहें तुझसे, भक्ति का वरदान ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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