एक दिन वो भोले भंडारी,बनकर के बृज नारी, गोकुल मे आ गये है

एक दिन वो भोले भंडारी,बनकर के बृज नारी, गोकुल मे आ गये है



एक दिन वो भोले भंडारी,बनकर के बृज नारी, गोकुल मे आ गये है
पार्वती जी मना के हारी,ना माने त्रिपुरारी ,गोकुल मे आ गये है॥

पार्वती से बोले,मै भी चलूंगा तेरे संग मे,
राधा संग श्याम नाचे,मै भी नाचूगा तेरे संग में,
रास चलेगा बृज से भारी ,हमे दिखाओ प्यारी॥1||

ओ मेरे भोले स्वामी,कैसे ले जाऊ तुम्हे साथ मे,
मोहन के सिवा वहां,कोइ पुरुष ना जाने राज को,
हसी करेगी बृज की नारी,मानो बात हमारी॥2||

ऎसा बना दो मुझे,कोई ना जाने इस राज को,
मैं हूं सहेली तेरी,ऎसे बताना बृजराज को,
लगा के बिंदिया,पहन के साडी,चाल चले मतवाली॥3||

देखा जब मोहन ने,समझ गए वो सारी बात रे,
ऎसा बजाई बंशी,सुध बुध भूले भोलेनाथ रे,
सिर से खिसक गयी जब साडी,मुस्काये गिरधारी॥४॥

''जय श्री राधे कृष्णा ''
 
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