जरी की पगड़ी बांधे वो सुंदर आँखों वाला

जरी की पगड़ी बांधे वो सुंदर आँखों वाला



जरी की पगड़ी बांधे वो सुंदर आँखों वाला
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा |

कानो में कुंडल साजे ,सिर  मोर मुकुट विराजे,
संखियाँ पगली होती ,जब -जब होठों पे बंसी बाजे,
है चंदा ये सांवरा तारे ग्वाल बाला .||1||
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लट घुन्घरालें बाल,  तेरे कारे कारे गाल,
सुंदर श्याम सलोना तेरी टेडी मेढ़ी चाल,
हवा में सर सर करता तेरा पीताम्बर मतवाला.||2||
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मुख पे माखन मलता, तू बल घुटनों के चलता,
देख यशोदा मात को , देवो का मन भी जलता
माथे पे तिलक है सोहे आँखों में काजल डाला||3||
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तू जब बंसी बजाये , तब मोर भी नाच दिखाए,
यमुना में लहरें उठती और कोयल कुह कुह गाये,
हाथ में कंगन पहने और गल वैजन्ती माला ||4||

''जय श्री राधे कृष्णा ''

 


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