
तेरी पार करेंगे नैया, भज कृष्ण कन्हैया।
अर्जुन रथ के हांकण वारे।
मात यशोदा के राज दुलारे
मनहर मुरली बजेया| |1||
गज और ग्राह लड़े जल भीतर।
गज की टेर सुनी मैरे नटवर |
गज के फन्द छुड़ेया।|2||
विप्र सुदामा तांदुल लाये।
प्रेम सहित हरी भोग लगाए
दीन सुदामा को गले लगाए, कह कर भैया भैया॥3||
निश दिन भज गौपाल पियारे।
वो ही बिगड़े काज सुधारे॥
नटवर चतुर रीझेया। |4||
मीरा कहे प्रभु गिरधर नागर।
सुर कहे मैरे नटवर नागर॥
कण कण वास करेया।|5||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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