
प्रभु मैंने भव की राह नहीं देखी , भव सागर कैसे पार करूँ |
मैंने तेरी सूरत कभी नहीं देखी , कैसे तेरा मै गुणगान करूँ ||
अता-पता मुझे बतला दो , गर अपने पास बुलाना है |
कुछ कहने की आज्ञा दे दो , गर अपना दरबार दिखाना है ||
तेरी सूरत कभी न देखी स्वामी , कैसे तुम्हारा ध्यान करूँ ||1||
प्रभु तेरे प्यार के सागर की गहराई , कोई नाप नहीं पाया |
ओ लीला धारी तेरी लीला को , कोई भी जान नहीं पाया ||
अब तुम्ही बता दो हे स्वामी , मै भी कैसे यह काम करूँ ||2||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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