
ऐ मालिक तेरे बंदे हम,ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चलेंऔर बदी से टलें
ताकि हंसते हुये निकले दम |
जब ज़ुलमों का हो सामना,तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करें,हम भलाई भरें,नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम और मिटे बैर का ये भरम ||1||
ये अंधेरा घना छा रहा,तेरा इनसान घबरा रहा
हो रहा बेखबरकुछ न आता नज़र,सुख का सूरज छिपा जा रहा
है तेरी रोशनी में वो दम,जो अमावस को कर दे पूनम||2||
बड़ा कमज़ोर है आदमी,अभी लाखों हैं इसमें कमीं
पर तू जो खड़ा है दयालू बड़ा ,तेरी कृपा से धरती थमी
दिया तूने हमें जब जनम,तू ही झेलेगा हम सबके ग़म ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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