एक तरफ है अवध बिहारी , दूजी तरफ है द्वारिका नाथ |

एक तरफ है अवध बिहारी , दूजी तरफ है द्वारिका नाथ |



एक तरफ है अवध बिहारी ,दूजी तरफ है द्वारिका नाथ |
आओ भक्तो इनके दर्शन करले ,दोनो है नाथो के नाथ ||

राम ने खाए बेर शबरी के,‘श्याम’ ने तंदुल सुदामा के |
दोनों नाथ है दयावान ,और दोनों रहते साथ अनाथो के|
दोनों का प्यार मिले भक्तो को  यही हैं सौ बातों की बात ||1||

कमी नहीं रहती कोई भी ,आकर इन नाथो के चरणों में |
हनुमत भी संग पूजे जाते ,क्योकि रहे वो इनके चरणों में |
इनके चरणों में दिन बन जाती , आकर घोर अँधेरी रात ||2||

रावण को दी मुक्ति राम ने , कंस को दी गिरिवर धारी ने|
दोनों को वश में कर डाला ,बनके भक्त दोनों अवतारी ने||
दोनों की कृपा रहे भक्तो पे ,बिन दया बने न कोई बात ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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