इक झोली में फूल भरे है, इक झोली में काँटे रे कोई कारण होगा.
published on 11 September
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इक झोली में फूल भरे है, इक झोली में काँटे रे कोई कारण होगा.
तेरे बस में कुछ भी नही, ये तो बाँटने वाला बाटे रे.कोई कारण होगा.
नाग भी ड्स ले तो मिल जाएँ, किसी को जीवन दान,
चीटी से भी मिट सकता है, किसी का नाम निशान,
अरे कोई कारण होगा.||1||
पहले बनती है तकदीरे, फिर बनते है शरीर,
ये साई की करीगरी है,तू क्यो है गंभीर,
अरे कोई कारण होगा.||2||
सागर से भी बुझ न पाए, कभी किसी की प्यास,
कभी एक बुद से हो जाती है, पूरी आस्,
अरे कोई कारण होगा.||3||
धन का बिस्तर मिल जाएँ, पर नीद को तरसे नैन,
काँटों पर सो कर भी, आए किसी के मन को चैन,
अरे कोई कारण होगा.||4||
मंदिर मस्जिद में जाकर भी, कभी न आए ज्ञान,
कभी मिलें मिट्टी से मोती, पत्थर से भगवान,
अरे कोई कारण होगा ||5||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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