मोहे अपने चरण को दास, किशोरी कर राखो,

मोहे अपने चरण को दास, किशोरी कर राखो,



मोहे अपने चरण को दास,
किशोरी कर राखो,
अब और ना कोई आस 

सर्वेश्वरी शरण मेँ लीजो,
सर्वेश्वर से यह कह दीजोँ,
कोई है दासन को दास ||1||

भानू लली की गली बसुँ मेँ,
अष्ट सखिन के संग रहुँ मैँ,
मोहे पिया मिलन की आस ||2||

प्रतिदिन झाँकी पाऊँ तुम्हारी,
कृपा करो बृषभानु दुलारी,
मोहे देओ बरसाने को बास ||3||


''जय श्री राधे कृष्णा ''
 

post written by:

Related Posts

0 Comments: