
दुनिया में अपना, कृष्ण कन्हाई,
इन्हीं के सहारे जिये जा रहा हूँ,
पीड़ा हृदय की इन्ही को बताई |
ज़िन्दगी में कई, मोड़ ऐसे मिले
न कोई राह थी, न इशारे मिले |
घबड़ा के मैंने, प्रभु को पुकारा ,
प्यारे प्रभु ने ही मंजिल दिखाई ||1||
चाहते श्याम की, आरजू श्याम की,
मैं तो माला जपु, श्याम के नाम की|
सांसो पे मेरी, कन्हैया का हक हैं,
कन्हैया ने प्रीत की रीत निभाई ||2||
सार ये बात का, साँवरा सार हैं,
प्रेम वर्षा करे, प्रेम का द्वार हैं |
इनकी दया बिन घोर अँधेरा ,
इनकी कृपा से दिन सुखदाई ||3||
दिल में जज्बात हैं, सांवरा ही साथ हैं ,
मेरे सर पे मेरे, श्याम का हाथ हैं |
जैसा भी होग, अच्छा ही होगा ,
मैंने कन्हैया से डोर बंधाई ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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