
मन मोहन तुझे रिझाऊ, तेरे नित नए लाड लडाऊ ,
बसा कर नैनन में, बसा के तुझे नैनन में.|
गीत बन जाऊ तेरी बांसुरी के स्वर का,
इठलाती बलखाती पतली कमर का,
पीला पटका बन जाऊ ||1||
रूप सुधा का पिऊ सामने बिठा के,
फूलों की छैय्या में तुझको लिटा के,
तेरे धीरे धीरे चरण दबाऊ ||2||
घुंगरू बनु जो तेरी पायल का प्यारे ,
पल पल चूमा करू चरण तुम्हारे,
तेरे संग संग नाचू गाऊ ||3||
राधिका किशोरी संग रमण तुम्हारा,
मुझको दिखा दो कभी ऐसा नजारा,
फिर चाहे में मर जाऊ ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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