
फागुन आयो रे बरसे रंग अबीरा
रे फागुन आयो रे रे फागुन आयो रे
घर घर आनन्द फाग महोत्सव ब्रिज की छठा निराली
निसदिन श्याम सलोने बिहरे संग लिए बलबीरा ||1||
रंग गुलाल लिए मन मोहन पग पग रोके सखिया
रतन जडित पिचकारी कर में दम दम दमके हिरा ||2||
एक और मतवारे ग्वाले झुंड झुंड ब्रिज नारी
बाज रहे ढफ ढोल सारंगी बाजे झाज मंजीरा||3||
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नव योवन श्री राधिका रानी नव श्रृंगार करे री
राधा माधव फाग मनावत सखिया गाये कबीरा ||4||
अंतर मन की कसक मिटे हो ज़ी भर दर्शनपै हो
गोयल अब डारि हों डेरा जमुना जी के तीरा ||5||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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