
दर तेरे आने की, दर्शन तेरा पाने की
दिल में तमन्ना है,तुझको रिझाने की |
बिन महर तेरे,क्या दर कोइ आ पाता
आने की क्या है बात,चल नहीं पाता ||1||
नहीं मीरा सी भक्ति,नहीं भाव सुदामा सा
नहीं करमा मैं कोइ,नहीं हूँ मैं नरसी सा ||2||
कब होगी महर तेरी,कब नज़र तुम्हारी श्याम
दे भक्ति भाव मुझमे,आऊं मैं दर तेरे धाम. ||3||
क्या पाप किये मैंने,क्या भूल हुई है श्याम
पापी कितने तारे, 'टीकम' तो तेरा गुलाम ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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