
तेरा दर्श पाने को जी चाहता है।
खुदी को मिटाने का जी चाहता है॥
पिला दो मुझे मस्ती के प्याले।
मस्ती में आने को जी चाहता है॥1||
उठे श्याम तेरे मोहोब्बत का दरिया।
मेरा डूब जाने को जी चाहता है॥2||
यह दुनिया है एक नज़र का धोखा।
इसे ठुकराने को जी चाहता है॥3||
तेरा दर्श पाने को जी चाहता है।
खुदी को मिटाने का जी चाहता है॥
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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