
ऐसी होरी ना खिलावो कन्हैय्या हमसे फागुन में
ऐसे अबीर गुलाल मलो ना मुख पे फागुन में |
हम तो कन्हैय्या तोरे बेल की कलियां
ऐसे छेड़ छेड़ के ना सतावो कन्हैय्या हमको फागुन में ||1||
हम तो कन्हैय्या तोरे होठोंकी बँसुरियां
ऐसे रुक रुक के ना बजावो सतावो हमें फागुन में ||2||
हम तो कन्हैय्या पनघटकी डगरिया
ऐसे कंकरिया ना मारो फागुन में ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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