
भूल बिसर मत जाना कन्हैया,मेरी ओड़ निभाना जी ।
मोरमुकुट पीताम्बर सोहे,कुंडल झलकत काना जी ।
वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,मोहन वंशी बजाना जी ||1||
हमरी तुमसे लगन लगी है,नित प्रति आना जी ।
घट घट वासी अंतरजामी,प्रेम का पन्थ निभाना जी ||2||
जो मोहन मेरो नाम न जानो,मेरो नाम दिवाना जी ।
हमरे घर तुलसी का बिरवा,जिसके हरे हरे पाना जी ||3||
जो कान्हा मेरो गाँव न जानो,मेरो गाँव बरसाना जी ।
सूरज सामी पोल हमारी,चन्दन चौक निसाना जी ||4||
या तो ठाकुर दरसन दीजो,नही तो लीजो प्राना जी ।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,चरनों में लिपटाना जी ||5||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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