
धुन - मोहन तेरे चरणों की
मन मोहन मुझको भी , चरणों मेव जगह देना
नहीं ठौर कोई मेरा , तेरे डर पे जगह देना || टेर ||
कोई क्या कहता है , कहता है तो कहने दो
इस तन के चोले पे , तेरा रंग चढ़ा देना || १ ||
जबसे तुम्हें देखा है , दिल पर मेरा ज़ोर नहीं
जाऊँगा कहाँ बोलो , पलकों में रमा लेना || २ ||
मतवारी लटों वाले , तेरी कजरारी आँखें
दो जान इनायत के , आँखों से पिला देना || ३ ||
गर फिर से जनम देना , रज चरणों के देना
" सुरेश " खड़ा कबसे , हिवड़े से लगा लेना || ४ ||
जयश्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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