
धुन - बचपन की मोहब्बत
पलकों की उदासी को , जरा दूर भगा दे श्याम
रोती हुई आँखों को , आकर के हँसा दे श्याम || टेर ||
तेरी याद में ओ कान्हाँ , मेरी आँखें बरसती है
दीदार कन्हैया का , पाने को तरसती है
आ , बहती आँखों को , दर्शन दिखला दे श्याम || १ ||
माना इन आँखों में , आँसू भी ज़रूरी है
दर्शन के बिना लेकिन , ये आँख अधूरी है
खुशियों के आँसू दे , दुखड़ों को हटा दे श्याम || २ ||
आँखों की पुतली में , तेरा अक्श उभरता है
आँखों के जरिये तूँ , इस दिल में उभरता है
तेरे " हर्ष " की आँखों को , ऐसी ना सजा दे श्याम || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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