
धुन- तुम्हें और क्या दूँ
हमें श्याम प्यारे तूँ वरदान दे
चरणों में तेरे उमर कट जाए ||
चरणों से हमको नहीं दूर करना
सदा अपनी सेवा में , हमको तूँ रखना
दिल को हमारे , तूँ ही सुहाए || १ ||
अवगुण अनेकों हैं , हम में कन्हैया
अँधेरा बहुत है , दिल में कन्हैया
बदरी ग़मों की , प्रभु छंट जाए || २ ||
जले ज्ञान दीपक , मैं गुणगाण गाऊँ
तुम्हारी नज़र को , प्रभु मैं सुहाऊँ
" नन्दू " ह्रदय में छवि जगमगाए || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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