धुन- राधा की प्यालवाह रे कन्हैया मान गया मैंफितरत तेरी

धुन- राधा की प्यालवाह रे कन्हैया मान गया मैंफितरत तेरी




धुन- राधा की प्याल


वाह रे कन्हैया मान गया मैं
फितरत तेरी जान गया मैं
मैं तो चला था अकेला
के मेला मेरे साथ हो गया || टेर ||


जीवन से मैं हार गया था
वक़्त भी मुझको मार गया था
जैसे ही हाथ तूने थामा || १ ||


जब से तुम्हारा साथ मिला है
खुशियों का हर पुष्प खिला है
महका ये जीवन हमारा || २ ||


जिस पर श्याम की किरपा बरसती
" श्याम मण्डल " लुटे श्याम की मस्ती
लूट रहा जग सारा || ३ ||

जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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