
तर्ज: झील मिल सितारों का आँगन होगा
रात सुहानी दिन वो पावन होगा
मधुवन जैसा मेरा आँगन होगा
देगा दर्शन कान्हा, मन भावन होगा |
बैठा हूँ मैं आश, लगाये कब आये
आये कान्हा,नयनों की प्यास बुझाये
दर्शन नयन सुहावन होगा ||1||
मुरली की तान सुन,दौड़ी-दौड़ी आये
सुध-बुध खोये, राधा होश गंवाये
रूप कन्हैया का लुभावन होगा ||2||
गोपियाँ नाचे,संग राधा रानी नाचे
रस भरी मुरली,कान्हा की बाजे
'टीकम' मन वृन्दावन होगा ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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