
धुन- फूल माँगू ना बहार
श्याम आये मैं तो रोने लगा ,
उनके चरण धोने लगा || टेर ||
शबरी जैसा प्रेम नहीं है , फिर भी मेरे घर आये
मीरा जैसी भक्ति नहीं है , नैना क्यों भर आये
आँसुओं से उनको भिंगोने लगा || १ ||
मैंने सोचा देख रहा हूँ , एक अनोखा सपना
श्याम प्रभु घर आये ऐसा , भाग्य कहाँ है अपना
भावना के मोती पिरोने लगा || २ ||
भूल गया मैं उनको बिठाना , सेवा नहीं कर पाया
" बनवारी " जब चला गया वो , होश मुझे तब आया
उस दिन से सपने संजोने लगा || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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