
धुन- दिल दीवाना है आपका दिलदार साँवरे
आराधना करता हूँ , दरबार के लिए
मैंने रंगा केसरी चोला , लखदातार के लिए || टेर ||
है कलयुग के अवतारी , तेरे नाम की महिमा भारी
तेरे दर पे आन पड़ा हूँ , दर्शन का बन के भिकारी
घुट घुट कर तरस रहा हूँ -2 , दीदार के लिए || १ ||
स्वारथ ने मुझको घेरा , लालच ने डाला डेरा
प्रभु मोह माया में पड़कर , मैं भूल गया दर तेरा
मुझे अब तो राह दिखादो-2 , भव पार के लिए || २ ||
ओ बाबा शीश के दानी , तेरी शक्ति सबने जाणी
प्यासी आँखों में भर दे , सूरत तेरी मस्तानी
मेरा आवागमन मिटा दे-2 , हर बार के लिए || ३ ||
वो जीवन भी क्या जीवन , जिसने दरबार न देखा
वी स्वामी भक्त नहीं , जिसने माथा नहीं टेका
खाटू में मुझे बसा ले-2 , तेरे प्यार के लिए || ४ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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